उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की सर्दी और खतरनाक स्तर तक पहुंचे वायु प्रदूषण ने स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को चिंता का विषय बना दिया है। इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनजर, कई राज्य सरकारों ने स्कूलों के शीतकालीन अवकाश में बदलाव किए हैं या विशेष निर्देश जारी किए हैं। यहाँ आपको राज्यवार उन सभी जानकारियों का विवरण मिलेगा।
राज्यवार शीतकालीन अवकाश और निर्देश (2025)
नीचे दी गई तालिका में विभिन्न राज्यों में की गई व्यवस्थाओं का सारांश है:
| राज्य / क्षेत्र | प्रभावित कक्षाएं / स्कूल | छुट्टी / परिवर्तन की तिथि | मुख्य कारण / विशेष टिप्पणी |
|---|---|---|---|
| दिल्ली-एनसीआर | नर्सरी से कक्षा 5 | अगले आदेश तक बंद | वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर+’ श्रेणी में; GRAP चरण-4 लागू |
| दिल्ली-एनसीआर | कक्षा 6 से 11 | हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध) | प्रदूषण के कारण; कक्षा 10 व 12 की फिजिकल कक्षाएं बोर्ड परीक्षा को देखते हुए जारी |
| दिल्ली | सभी स्कूल | निर्धारित शीतकालीन अवकाश: 23 दिसंबर 2025 से 1 जनवरी 2026 | AQI स्थिति में सुधार न होने पर छुट्टियाँ बढ़ाई जा सकती हैं |
| बिहार (पटना) | सभी सरकारी व निजी स्कूल | स्कूल टाइमिंग परिवर्तित: सुबह 9:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक (27 दिसंबर तक) | भीषण ठंड एवं घने कोहरे के मद्देनजर; बोर्ड/प्री-बोर्ड परीक्षाएँ छूट के साथ |
| उत्तर प्रदेश | 16 जिलों के स्कूल | विभिन्न तिथियाँ; अधिकांश जिलों में 20 से 31 दिसंबर तक 12 दिन का विंटर ब्रेक | शीतलहर एवं कोहरा; जिला प्रशासन द्वारा निर्णय (जैसे बरेली में कक्षा 1-8 बंद) |
| राजस्थान | राज्य के स्कूल | शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर 2025 से प्रारंभ | मौसमी दशाओं के अनुरूप छुट्टी |
| तेलंगाना | ईसाई अल्पसंख्यक स्कूल | 21 दिसंबर से लगभग 8 दिन की छुट्टी | क्रिसमस त्योहार के उपलक्ष्य में |
| आंध्र प्रदेश | राज्य के स्कूल | 24 दिसंबर से क्रिसमस/विंटर ब्रेक संभावित | क्रिसमस एवं नववर्ष उत्सव के कारण |
माता-पिता एवं अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
इस परिवर्तनशील स्थिति में, माता-पिता और अभिभावकों से निम्नलिखित बातों का ध्यान रखने का अनुरोध है:
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आधिकारिक सूचनाओं पर रखें नजर: किसी भी भ्रम की स्थिति में सीधे अपने स्कूल प्रशासन या जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से संपर्क करें। मौसम और वायु गुणवत्ता में तेजी से होने वाले बदलावों के कारण निर्देशों में संशोधन हो सकता है।
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बच्चों की सुरक्षा का रखें ख्याल: बच्चों को घर से बाहर भेजते समय गर्म कपड़े पहनाएँ और प्रदूषण से बचाव के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क (N95/KN95) का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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स्वास्थ्य संबंधी सजगता: यदि बच्चे खांसी, आँखों में जलन या साँस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाएँ, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
निष्कर्ष
सर्दी के मौसम में बच्चों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। विभिन्न राज्य सरकारें मौसम की मार और बढ़ते प्रदूषण से विद्यार्थियों को बचाने के लिए ये कदम उठा रही हैं। अभिभावकों को सलाह है कि वे स्थानीय प्रशासन के नवीनतम निर्देशों का पालन करें और बच्चों को सुरक्षित रखने में सहयोग दें।